क्या आप LIC POLICY सरेंडर करना चाहते हैं? Part-1

Life Insurance Corporation of  India, सबसे प्रमुख बीमा कंपनियों में से एक है। मार्केट में 70% प्लस हिस्सेदारी है।  देश भर के ग्राहकों के बीच इसका अतुलनीय विश्वास है। लेकिन कभी-कभी, लोग शुरुआत में Lic पॉलिसी को समग्र रूप से समझे बिना ही Lic Policy का परिपक्वता से पहले Lic policy surrender कर लेते  है। समर्थन मूल्य वह है जो आपको तब मिलता है जब आप अपनी Lic policy surrender  करने का निर्णय लेते हैं। 

यहां कुछ कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से लोग अपने Lic policy surrender कर देते हैं, भले ही उन्हें पता हो कि यह उनके और उनके परिवारों के लिए फायदेमंद है:

आर्थिक संकट

अचानक पैसे की जरूरत होने पर लोग पॉलिसी को सरेंडर कर देते हैं। कुछू परिस्थिति ऐसा हु जाता के मेडिकल, बच्चो की पढाई, बेटी के marriage, कर्ज से छुटकारा पाने के लिए, समाज रहने के लिए और अपनी इज्जत बचने के लिए LIC Policy Surrender कर देते  है.जादीओ उनको पता है Surrender करने से उनको काफी नुकसान  होता है। एक्सपर्ट agent से advice लेना बहुत जरूरी है।  Born इन Poor Family, it was इवेंट But Poor बनके मरना it इस A अपराध। ऐसी सिचुएशन से छुटकारा पाने के कई विकल्प नहीं दिखाई  देता। मानलो आप के पास एक mango का  झाड़ है, चार या पांच साल के बाद फल देना चालू हो गया, कुछु मुसीबत आने से mango झाड़ बचाइके रखना पसांद करेंगे या काट डालेंगे?

Financial Problem

. कम जागरूकता

 कई लोग बीमा के फायदों को पूरी तरह से समझ नहीं पाते हैं। अपने दोस्त, रिश्तेदार, करीब लोक बात सुनकर बीमा ले  लेते, आगे चलकर पता चलता है, और कई आधा अधूरा ज्ञान दे देते फिर उनकी mind चेंज हो जाता, आखिर  Lic Policy surrender कर देते, future बारे सुचनेके लिए टाइम नेही मिलता.  

Lack of Knowledge

उच्च प्रीमियम

पॉलिसी का प्रीमियम बढ़ने पर ग्राहक इसे खत्म करना पसंद करते हैं। बीमा अपनी लाइफ से जुड़े है, जब उम्र बढ़ते लाइफ कम होता है, फॉर example Health  Insurance प्रीमियम बढ़ता है उमर के साथ साथ. Premium के ऊपर Sarkar GST जुडते, (१८%), अभी है, It is called sleeping partner. So people do surrender Lic policy.

Premium Increasing

अवास्तविक अपेक्षाएँ

कुछ लोग सोचते हैं कि बीमा पॉलिसी तुरंत लाभ नहीं दे रही है। लोग का बीमा लेने का टाइम income जो था, अभी उनका इनकम बढ़ चुका है लेकिन बिमा का राशि नही बढ़ाया है इसलिये उनको बीमा छूटा देखरा है, जब बच्चा छूटा था उ चढ़ी पिंढिता था लेकिन अभी बचा बढ़ा होगया फुल पेंट शॉर्ट पिंधता, उनके चड्डी छूटा देखरा है. अभी चढ़ी कुछु काम का नहीं। 

Short Term Benefits

विकल्पों की तलाश

लोग बेहतर निवेश विकल्पों की तलाश में पॉलिसी छोड़ सकते हैं। लोग पास बहुत सारे ऑप्शन आ चुका है, Share Market, Mutual Fund, Chit Fund, Postal, Bank, Private Insurance etc. They  वांट to test all these company. अतिथि मैं बहुत सारे कंपनी अये थे, Plantation, मनी Multiple schemes, सहारा/बेसाहारा, Pan card, Twinkle हजारो company, even कुछु Insurance मैदान छोड़कर जा चुके है. समय चेंज होने का साथ लोग का माइंड चेंज होता है। ईएसएल Lic policy surrender करते है।  

Financial Disturb

लंबी अवधि की प्रतिबद्धता

कुछ ग्राहक लंबी अवधि तक प्रतिबद्धता नहीं निभा पाते। हमें पैसा कब चाहिये old age मैं मीन्स at the time of retirement. पहिले जमाने मे सरकारी नोकरी करते थे, उनका फंड retirement  time मैं मिलता था, आज सरकारी नोकरी नाही के बराबर, अगर है तो फंड नहीं कटता। Short Term चकर मैं बहुत सारे करजा कर लेते है, अपना लाइफस्टाइल मेंटेन करने  के लिए। बचत हो नहीं पाता, इसलिए हर जागा Old Age Home open हो रहा है। Today’s  situation, think over it before surrender Lic policy.

Patience for long term

. अन्य वित्तीय प्राथमिकताएँ

 अन्य खर्चों को प्राथमिकता देने पर बीमा पॉलिसी को छोड़ दिया जाता है। Enjoy today saffar tomorrow. Inflation इन्क्रेअसिंग compare to income. आगे लोग कर्जा लेने के लिए डर लगता था अभी पहिले कर्जा बाद मैं सब कुछु। आगे कर्जा मिलना आसान नेही था अभी करजा मिलना आसान लेना भी आसान। गाड़ी टीवी Mobile इत्यादि लेते मजा करते आगे चलकर सजा किस्कू मिलेगा, सोचिये old age home मैं कौन जानेवाला है?एक रियलिटी होता है और एक दिखाने के लिए होता है। आप को किया पसंद है. 

Mindset

पॉलिसी की जटिलता

पॉलिसी की शर्तें और नियम समझने में कठिनाई होती है। LIC के हर Policy को Term and Condition अलग अलग है as per your need. आप जब डॉ पास जाते treatment के लिए जाते या डॉ की पढ़ाई करने के जाते, because this is not your subject. डॉ चाकू से काटते कठिन ही होता है, इधर कुछु LIC Plan सुन लिया मतलब मैं LIC एक्सपर्ट बन गया. Think डॉ के पास medicine dena और lena कौन decide करता है? Like  that – Lic Policy Dena और  Lena कौन decide करता है? जितना बडा डॉ उसका इतना बड़ा चार्ज लेते सी आप जिस बीमा एजेंट से डील करते उ केतना बडा है? किसी की शर्तें और नियम समझने में कठिनाई होती है, या bahana banata है. Apple और orange same है?

Term And Condition

जीवन की परिस्थितियों में बदलाव होने पर बीमा की जरूरत कम हो जाती है। जब इन्सान का पास पइसा हो जाता उनका जोर मई दुनिया अलग दिखता है. जैसे मुर्गी रोज सोने का अंडा देती है, मुर्गी को बचाना है या अंडा को? उसी समय उनको पता नेही चलता की मैं मुरगी हुईं, कियुँकि उनको पता नेही चालता मुरगी कौन है, उनका bank balance, property, asset, gold ए सबु देखता फिज़िकली। मुर्गी छूटा सा है, उसका किया वैल्यू है। मुर्गी का बीमा कराना जरूरी नही समस्ता है. 

Multiple Choices

भावनात्मक निर्णयकरते।

कभी-कभी भावनात्मक कारणों से भी लोग पॉलिसी को सरेंडर कर देते हैं। कुछु फॅमिली मै disturbance होने से emotionally टूट जाते। ना कुछ लेकर आया था ना कुछ लेकर जाऊँगा ये कॉन्सेप्ट मैं believe करते। इन कारणों से ही लोग बीमा पॉलिसियों को छोड़ने का निर्णय लेते हैं, जबकि बीमा उनके और उनके परिवारों के लिए सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन है।

Emotional Brokenout